अनुकरणीय पहलः नए शैक्षणिक सत्र से मनोवैज्ञानिक कल्याण सेवा आरंभ करने की तैयारी कर रहा है काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

• विद्यार्थियों तथा कर्मचारियों की मनौवैज्ञानिक आवश्यकताओं के मद्देनज़र सहयोग उपलब्ध कराना है मकसद

• मनोविज्ञान अध्ययन की पृष्ठभूमि वाले 15 सर्वपल्ली राधाकृष्णन इन्टर्न्स को दिया जा रहा है 90 दिन का पेशेवर प्रशिक्षण

• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शुरू की जा रही है यह सेवा, मनोवैज्ञानिक कल्याण पर विशेष बल देती है नई नीति

वाराणसी, 12.04.2024: विद्यार्थियों व कर्मचारियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अपने सदस्यों के शैक्षणिक, पेशेवर विकास, तथा मनोवैज्ञानिक कल्याण की दिशा में अनेक नई पहल की हैं। बीएचयू द्वारा विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों के मनोवैज्ञानिक कल्याण को काफी वरीयता दी जा रही है, जो उनके चौतरफा विकास तथा संस्थान की उन्नति में एक अहम पहलू है। इस दिशा में एक अनुकरणीय पहल करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय नए शैक्षणिक सत्र से चरणबद्ध रूप में अपने विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों, एवं उनके परिवार के सदस्यों हेतु मनोवैज्ञानिक कल्याण सेवा की शुरुआत करने जा रहा है। इस संबंध में एक व्यापक योजना तैयार की गई है। योजना के अंतर्गत मनोविज्ञान के उन 15 विद्यार्थियों को 90 दिन का पेशेवर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो सर्वपल्ली राधा कृष्णन योजना के तहत इंटर्न के रूप में चयनित हुए हैं। इन सभी विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में 15 दिन का स्नातकोत्तर डिप्लोमा पूर्ण किया है। ‘Vishwakarma – The Skilled Counselor’, शीर्षक से चलाया जा रहा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों को कुशल काउंसलर के रूप में तैयार करेगा, जिससे वे आवश्यक मार्गदर्शन व दिशा उपलब्ध कराने में सक्षम हो पाएंगे।

 

यह प्रशिक्षण मनोवैज्ञानिक स्व-जागरूकता के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने के लिए कार्य कर रही संस्था ‘मानस – द इनसाइड स्टोरी’ के कुशल व पेशेवर बाह्य प्रशिक्षकों द्वारा दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को मनोवैज्ञानिक कल्याण सेवा के प्रभावी व कुशल संचालन के लिए महत्वपूर्ण विभिन्न पक्षों से अवगत कराया जा रहा है। यह सेवा छात्र अधिष्ठाता कार्यालय के माध्यम से संचालित होगी।

 

छात्र अधिष्ठाता, प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने कहा कि वर्तमान में समाज में अनेक तरह की मनौवैज्ञानिक दुविधाएं हैं, जो युवाओं को चिंतित करती हैं और उनके मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकती हैं। बड़ी संख्या में ऐसे युवा हैं, जिनके पास इन चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक माध्यम व साधन उपलब्ध नहीं होते। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में मनोवैज्ञानिक कल्याण सेवा का आरंभ होना इस दिशा में महत्वपूर्ण व दीर्घकालिक लाभ का कदम साबित होगा। प्रो. नेमा ने कहा कि यह सेवा नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप भी है, जिसमें मनोवैज्ञानिक कल्याण पर विशेष ज़ोर दिया गया है।

 

कमान्डर (सेवानिवृत्त) सयानतन सान्याल, सलाहकार, विद्यार्थी कल्याण, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, ने कहा कि यह पहल विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों के सर्वांगीण कल्याण के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप आरंभ की जा रही है।

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