“अवध महोत्सव” भव्य स्तर पर आयोजित
उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग, संस्कृति विभाग और संगीत नाटक अकादमी-संस्कृति विभाग, उ.प्र. की ओर से रामोत्सव के अन्तर्गत “अवध महोत्सव” 1 से 5 अप्रैल तक गोमती नगर स्थित उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के परिसर में भव्य स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। कला, संस्कृति और विरासत के इस महासंगम में गायन और नृत्य प्रस्तुतियों के साथ ही रंगोली और पतंगबाजी, अवधी परिधान, शतरंज प्रतियोगिता के साथ ही इक्का-तांगा दौड़, हेरिटेज वॉक, पुतुल नाट्य उत्सव किस्सागोई और अवधी व्यंजन मेले का भी लुत्फ उठाया जा रहा है। अवध महोत्सव की चौथे दिन
गुरुवार 4 अप्रैल को नोएडा की शिखा खरे का कथक नृत्य, मीरजापुर की पद्मश्री उर्मिला श्रीवास्तव का कजरी गायन, मुम्बई के रामशंकर का सूफी गायन और मुम्बई की ही स्नेहा शंकर की बॉलीवुड नाइट आकर्षण का केन्द्र बनी वहीं मथुरा से आमंत्रित जया सक्सेना और साथियों ने परिसर में मयूर नृत्य पेश कर आगंतुकों का स्वागत किया। इसके साथ ही पतंगबाजी, नादरगंज मैदान में हुई।
अवध महोत्सव के चौथे दिन गुरुवार 4 अप्रैल को मुख्य अतिथि विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया के साथ विशिष्ट अतिथि ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय सचिव डॉ. देवेन्द्र त्रिपाठी, वरिष्ठ कथक नृत्यांगना नलिनी-कमलिनी, वरिष्ठ कथक नृत्यांगना नयनिका घोष, लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर ने अवध महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन दीप प्रज्वलित करके किया।
अवध महोत्सव की चौथे दिन गुरुवार 4 अप्रैल को नोएडा की शिखा खरे ने “अंदाज-ए-अवध” नाम से प्रभावी प्रस्तुति दी। श्री राम भजन “अगणित जीवों को तार रही हे राम तुम्हारी रामायण” से उन्होंने अपनी कथक प्रस्तुति का सुंदर आगाज किया। राग यमन और मिश्र पहाड़ी कहरवा ताल पर आधारित इस भजन के बाद शिखा ने सुदर्शन फ़ाकिर द्वारा लिखी हुई और बेगम अख्तर द्वारा राग भैरवी में गायी गई ठुमरी “हमरी अटरिया पे” पर प्रभावी भावों का प्रदर्शन कर तालियां बटोंरी। गुरु विक्रम सिंह, कपिला राज, पद्म विभूषण पं.बिरजू महाराज और पं.राममोहन की शिष्या शिखा खरे ने भातखंडे संगीत संस्थान से शास्त्रीय गायन की भी तालीम हासिल की है। अवध के नवाब वाज़िद अली शाह की लोकप्रिय रचना “बाबुल मोरा, नैहर छूटो ही जाए” पर पेश भावुक नृत्य से उन्होंने अपनी प्रस्तुति को विराम दिया। यह रचना भी राग भैरवी में निबद्ध थी।
श्वेता तिवारी के संचालन में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में मीरजापुर की पद्मश्री उर्मिला श्रीवास्तव का कजरी गायन सुधि श्रोताओं को भा गया। उन्होंने देवी गीत “जय दुर्गे जगदम्बे भवानी” के बाद प्रभु राम का सोहर “घर घर बजत बधैया, अयोध्या में राम जन्मे” सुनाकर समा राममय कर दिया। झूला गीत “झूला धीरे से झुलाओ बनवारी”, “पिया मेंहदी मंगा द”, “आज बिरज में होरी रे रसिया” और “फागुन मस्त महीना ओ बालम” सुनाकर लोगों को सीधे उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति से जोड़ दिया। सुधि दर्शकों ने देर तक उनकी पारंपरिक गायिका का आनंद लिया।
मुम्बई के रामशंकर ने शाम को सुरीली करवट देते हुए सूफी गायन सुनाकर प्रशंसा हासिल की। मशहूर सूफी कव्वाल शंकर शंभू के पुत्र राम शंकर ने सबसे पहले “मंदिर तुम्हारा राम जी तुम्हीं बना रहे हो” भजन सुनाया। इस क्रम में उन्होंने “यारों सब दुआ करो यारों सब दुआ करो, मिलके फरियाद करो” और “ओ यारा वे” सुनाकर शाम का रंग चोखा किया। इसके साथ ही उन्होंने “इश्क की ज़ंजीरों में, गिरफ़्तार हो ना जाये, प्यार हो न जाए” सुना कर तालियां बटोरीं।
संध्या का अंतिम आकर्षण बना मुम्बई की ही स्नेहा शंकर की बॉलीवुड नाइट। उन्होंने “ऐ दिल है मुश्किल”, “सजदा”, “माही वे”, “मिले हो तुम हमको”, “मेरे रश्के कमर” और “दमादम” जैसे कई लोकप्रिय तराने सुनाकर शाम को परवान चढ़ाया।
“पंच परमेश्वर” की हुई पुतुल प्रस्तुति
अकादमी परिसर में बने पुतुल मंच पर वाराणसी की अभिनव समिति की ओर से “पंच परमेश्वर” का प्रदर्शन किया गया। “पंच परमेश्वर” प्रेमचंद की महत्वपूर्ण कहानियों में से एक है। यह साल 1916 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। “पंच परमेश्वर” में शोभनाथ, प्रिया राय, सपना पटेल, महादेव, महेन्द्र कुमार, अमित कुमार, लालजी प्रसाद, प्रदीप कुमार ने पुतुल संचालन कर लोगों को संदेश दिया कि निर्णायक की भूमिका हमेशा निष्पक्ष होनी चाहिए।
पतंगबाजी में अव्वल रहे
पतंगबाजी प्रतियोगिता, नादरगंज मैदान में राजेश कुमार जायसवाल ऑक्सीजन मैन के संयोजन में सुबह सम्पन्न हुई। इसमें कुल चार टीमों ने भाग लिया। हर टीम में 5 प्रतिभागी थे। पतंगबाजों के हुनर, पतंग की उड़ान और मांझे की कटान ने लोगों को रोमांचित कर दिया। आसमान में हुई इस दिमागी कुश्ती का देर तक लुत्फ उठाया।
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अवध महोत्सव के आगामी आकर्षण
– अंतिम दिन शुक्रवार 5 अप्रैल को लखनऊ के डॉ. पवन कुमार का वाद्य वृंद, लखनऊ के शिवम मिश्रा का गायन, मथुरा की वंदना की लोक प्रस्तुति वृज के रंग, मुम्बई के रूप कुमार राठौर-सोनाली राठौर का गजल गायन होगा वहीं अयोध्या से आमंत्रित लोक कलाकार अवधी लोक नृत्य पेश करेंगे।
अन्य आकर्षण के अंतर्गत
• शतरंज प्रतियोगिता, अकादमी परिसर में अनिल कुमार रायजादा के संयोजन में 02 से 05 अप्रैल तक पूर्वाह्न 10 बजे से शाम 4:00 बजे तक आयोजित की जा रही है।
• अवधी व्यंजनों की प्रतियोगिता अकादमी परिसर में शेफ डॉ. इग्ज़त हुसेन के संयोजन में 5 अप्रैल को शाम 4:00 बजे से होगी।
• अवधी परिधान प्रतियोगिता, अकादमी परिसर में निधि श्रीवास्तव के संयोजन में 3 से 5 अप्रैल तक होगी।
• अवधी व्यंजन एवं अवधी शिल्प मेला, अकादमी परिसर में प्रतिदिन शाम 5:00 बजे से होगा।
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