इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेन्टर ऑफ मीडिया स्टडीज आयोजित चार दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला कार्यक्रम

आज का समय सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही रील का है और यही फोटोग्राफी के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती भी है। युवाओं को चाहिए कि वे कैमरे का ज्ञान रखने के साथ-साथ फोटोग्राफी की बारीकियां सीखें और इस विधा में कुछ अलग और नया करने का प्रयास करें। बड़ी बात यह कि फोटो और वीडियो संपादन की दुनिया में प्रशिक्षित लोगों की मांग बढ़ी है। यह बात जयपुर से आये प्रख्यात फोटोग्राफर उमेश गोगना ने कही। श्री गोगना इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेन्टर ऑफ मीडिया स्टडीज आयोजित चार दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

श्री गोगना ने कहा कि फोटोग्राफी के लिए पैशन होना और इसे प्रोफेशन बनाना अलग-अलग बात है। बेहतर फोटोग्राफर बनने के लिए जरूरी है कि हम किसी दूसरे फोटोग्राफर की नकल नहीं, बल्कि अपनी क्षमता व योग्यता का पूरा इस्तेमाल करते हुए कुछ नया रचने का प्रयास करें। श्री गोगना ने एम.वोक. व बी.ए. इन मीडिया स्टडीज तथा बी.वोक. इन मीडिया प्रोडक्शन के विद्यार्थियों के लिए आयोजित इस डिजिटल फोटोग्राफी कार्यशाला में फोटोग्राफी के क्षेत्र में आ रहे बदलाव व उनसे जुड़ी तकनीकियों का प्रशिक्षण दिया। अंतिम दिन विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय में आउटडोर फोटोग्राफी का भी प्रशिक्षण दिया गया। विजयानगरम हॉल के माध्यम से विद्यार्थियों को न केवल एतिहासिक इमारतों का फोटोग्राफी के बार में बताया गया, बल्कि ऐसे स्थानों पर मॉडल शूट करने का भी अभ्यास कराया गया।

समापन कार्यक्रम में सेन्टर के कोर्स कोआर्डिनेटर डा0 धनंजय चोपड़ा ने कहा कि आज के समय में मीडिया के विद्यार्थियों के समक्ष नई-नई तकनीकियों से अपडेट रहने की चुनौती है और ऐसी कार्यशालाएं इस चुनौती से निपटने का हौसला देती हैं। फोटोग्राफी के अध्यापक एस.के. यादव ने चार दिन चली कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की और श्री गोगना का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सेन्टर के अध्यापक गण विद्यासागर मिश्र व सचिन मेहरोत्रा तथा लगभग सौ प्रतिभागी विद्यार्थी उपस्थित थे।

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