रामकृष्ण मठ में हर्षोल्लास से मनाया गया होलिकोत्सव

रंगों के पर्व होली के शुभ अवसर पर रामकृष्ण मठ निरालानगर लखनऊ में परंपरागत ढंग से होलिकोत्सव मनाया गया।

विदित हो कि पूर्णमासी व चैतन्य महाप्रभु की जयंती का भी शुभ अवसर इस बार होली पर है, जिसके पूर्व संध्या में रामकृष्ण मठ में होलिकोत्सव दिव्य, भव्य रूप से मनाया जाएगा। रामकृष्ण मठ निराला नगर, लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज ने बताया कि होली, रंग तथा उमंग का त्यौहार है। यह हमें परस्पर खुशियां मनाने व आपसी प्रेम सद्भाव की शिक्षा देती है। स्वामीजी ने बताया कि इस अवसर पर चैतन्य महाप्रभु की जयंती भी है जो कि प्रेम के अवतार थे। रामकृष्ण मठ में इस अवसर पर होली पूरे रंग उमंग, प्रेम व उत्साह से मनाई जाएगी। स्वामीजी ने कहा कि भारतीय संस्कृति की यह विशेषता है कि वह सबको परस्पर जोड़ते हुए प्रेम पूर्वक रहने की शिक्षा देती है। होली का यह पावन पर्व हम सबको अपने पुराने भेदभाव को मिटाकर हर्ष व उल्लास पूर्वक होलिकोत्सव मनाने की सीख देती है। होलिका दहन की चर्चा करते हुए स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने मद, अहंकार व दुर्गुणों को होलिका में दहन अर्थात जला दे, जिससे उसका जीवन निष्कपट, निष्कलंक व उज्जवल हो।
रविवार श्री रामकृष्ण मंदिर में संध्या आरती के उपरांत मंदिर के पूर्व प्रांगण में होलिका उत्सव मनाया गया। जहां पर स्वामी ईष्टकृपानंद पूजा एवं आरती के उपरांत अबीर अर्पण करते हुए होलिका दहन के लिए आग लगाया इसके बीच स्वामी मुक्तिनाथानंद अन्य संन्यासियों एवं भक्तो के साथ भक्ति गीत व हरिनाम संकीर्तन प्रस्तुत किया। मठ के संन्यासी स्वामी रामाधीशानंद पखावज में तथा शुभम राज तबला में संगत दिया। होलिका दहन के साथ साथ भक्तगणों को गुलाल का तिलक एवं गुझिया एवं अन्य मिष्ठान प्रसाद के रूप में दिया गया।

स्वामी मुक्तिनाथानंद जी महाराज ने समस्त भक्तगणों समेत देशवासियों को उज्जवल भविष्य की मंगलमय कामना की।

 

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