पर्वतारोही कर्नल रणवीर सिंह जामवाल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पर्वतारोहण केन्द्र में बतौर विशिष्ट व्याख्यान

कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नही, हारा वही जो लड़ा नहीं।

यह प्रेरक वाक्य प्रसिद्ध पर्वतारोही कर्नल रणवीर सिंह जामवाल ने कल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पर्वतारोहण केन्द्र में बतौर विशिष्ट व्याख्यान में बोल रहे थें। कर्नल जामवाल जिन्हें भारतीय सेना द्वारा विशिष्ट सेवा पदक के साथ राष्ट्रीय तेनजिंग नोर्गे अवार्ड से नवाजा जा चुका है ये पहले भारतीय सैन्य अधिकारी हैं जो तीन बार एवरेस्ट शिखर पर तिरंगा लहरा चुके हैं और दुनिया के सातों महाद्वीपों के सर्वोच्च शिखरों पर अपने साहस का पर्चम लहरा चुकें हैं।

कल बी. एच. यू. के पर्वतारोही छात्र-छात्राएं कर्नल रणवीर सिंह जामवाल का व्याख्यान बहुत ही तन्मयता से सुन रहे थें, कर्नल जामवाल का कहना था कि संघर्ष हर पर्वतारोही को मजबूत बनाता है और धैर्य से आप अपने जीवन के लक्ष्य रुपी एवरेस्ट को आसानी से पा सकते हैं उन्होंने अपने जीवन के कठिनतम संघर्षों का दास्तां सुनाया, इस दौरान पूरा सभागार खचाखच भरा हुआ था इस अवसर पर बी. एच. यू. के छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया विश्वविद्यालय पर्वतारोहण केन्द्र के प्रभारी प्रो. अनिल कुमार सिंह ने स्वागत भाषण के साथ अंगवस्त्रम देकर अतिथि का सम्मान किया। इस अवसर पर डा. जेपी यादव, डा. जसमीत सिंह, हवलदार राकेश यादव, प्रशिक्षक बलराम यादव, कार्यालय प्रभारी शिवनारायण यादव, जयदीप सिंह, अनिल यादव, अमित कुमार, विवेक रजक आदि लोग मौजूद रहें।

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