“भारतीय ज्ञान पद्धति में साधु परंपरा” पर एक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन
दिनांक 8 मार्च 2023 को खुन खुन जी गर्ल्स पीजी कॉलेज, लखनऊ एवं वैद्यनाथ कॉलेज परली वैजनाथ बीड़ महाराष्ट्र के संयुक्त तत्वाधान में एक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय “भारतीय ज्ञान पद्धति में साधु परंपरा” था। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता केंद्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार में कार्यरत समाजशास्त्रीय अध्ययन विभाग के डॉ सनत कुमार शर्मा थे। उन्होंने अपने व्याख्यान में भारतीय ज्ञान एवम दर्शन परंपरा को प्रकृति एवम मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं के रूप में वर्णित किया। ऋग्वेद के प्रारंभिक पांच मंडलों को प्रकृति एवम मानव के समन्वय पर आधारित बताया, ऋग्वेद के छठे से आठवें मंडल को शासन एवम प्रशासन से जोड़ा तथा ऋग्वेद के नवें एवं दसवें मंडल को सामाजिक व्यवस्था के ज्ञान पर आधारित बताया। अपने व्याख्यान में उन्होंने वेदांगों में न्याय दर्शन को राजनीतिक व्यवस्था को जानने के लिए शोधार्थियों के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा में चौदह शिक्षा, चौसठ कला एवम एक सौ अस्सी प्रकार के व्यापार की चर्चा है जो राजसिक, सात्विक एवम तामसिक प्रवित्तियों पर आधारित है। सूर्यास्त के बाद वैदिक मंत्रोच्चार एवम विवाह संस्कार किया जाना भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने साधु एवम संन्यासी जीवन पद्धति पर प्रकाश डालते हुए शंकराचार्य के दर्शन एवम उनके द्वारा स्थापित मठों के महत्व की चर्चा की। साथ ही नागा सन्यासी, दंडी संन्यासी, परमहंस संन्यासी, अवधूत संन्यासी,अखाड़ा संन्यासी एवम रामकृष्ण मिशन परंपरा के बारे चर्चा करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा के वाहक के रूप में इनके योगदानों को रेखांकित भी किया। कार्यक्रम में स्वागत डा प्रमोद गुप्ता, लखनऊ विश्वविद्यालय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ विष्णु चवन, बीड़ द्वारा दिया गया I प्रतिभागियों द्वारा प्रश्न एवं जिज्ञासाओं द्वारा व्याख्यान को जीवंत बना दिया गया |
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